Thursday, October 15, 2009

अजय जी चिट्ठाजगत में आगमन की बधाई

अजय त्रिपाठी जी आपका ब्‍लॉग की दुनिया में बहुत-बहुत स्‍वागत है।


उम्‍मीद है कि अजय वार्ता की गूंज बहुत दूर तक जाएगी। आपकी बौद्धिक और संगठनिक क्षमता का प्रतिदिम्‍ब अजय वार्ता ब्‍लॉग होगा।


धनतेरस के दिन सभी धन वर्षा की कामना करते हैं।
धनतेरस के दिन तरह-तरह की खरीदी और पूजा की जाती है।
आपका यह इंटरनेट दीपदान आपको सर्ववर्षा देने की कामना है।

Thursday, April 23, 2009

गीत लिखती किसलिए

गीत लिखती किसलिए मैं ।
मनपटल पर भाव आते,
हाथ मेरे रूक न पाते ।
शब्द कागज पर उतरते,
और तभी विश्राम पाते,
पीर मनकी ढालना है, गीत लिखती इसलिए ॥

बात कुछ ऐसी जहाँ की,
कह सपूँ ये कामना है,
जिसकी चर्चा भी किसी से
और कभी करना मना है,
गाँठ मनकी खोलना है गीत लिखती इसलिए ॥

गीत फूलों जैसे महकें,
ओस की ठंडक से सिहरें
बनके बरखा रसभिगोदें
लहर बनके तटको छूले,
प्रकृति के संग झूमना है, गीत लिखती इसलिए ॥

प्रेम की महिमा लिखूँ मैं,
छींट कर खुशबू के छींटे
मधुरिमा इसकी लिखूँ मैं,
प्रेमरस में पागना है गीत लिखती इसलिए ॥

मनके दर्पण क्यों है मैले
क्यों समर्पण भी कसैले,
जिस तरफ नजरें उठाउँ,
इनके घूँघट खोलना है, गीत लिखती इसलिए ॥

व्यस्त मेजों को लिख्रू मैं,
मस्त सेजों को लिखूं मैं,
त्रस्त मानवता लिखूं मैं,
ध्वस्त नैतिकता लिखूँ मैं,
दीप सच के बालना है, गीत लिखती इसलिए ॥

आशा श्रीवास्‍तव

Saturday, February 14, 2009

Interview of Asha Shrivastava



Interview of Asha Shrivastava in Harshavardhan Jayanti in Allahabad

Rally of Harshavardhan Jayanti



Rally of Harshavardhan Jayanti at Allahabad

Giving Certificate to Asha Shrivastava and other Guest



Giving Certificate to Asha Shrivastava and other Guest in Harshavardhan Jayanti at Allahabad

Asha Shrivastava Book Vimochan

पाकिस्तान / विनाशिस्तान

कठोर तपस्या से भसमासूर ने वरदान पाया कि वह जिसके सिरपर हाथ रखदेगा वह मर जायेगा। 86 से पाकिस्तान में आतंकवादिय तैयार करने का काम बकायदा चल रहा है। इसे भसमासूर की तपस्या वाला समय कहा जा सकता है। अब वह पूरी तरह विनाश के सारे हथियारों से लैस भस्मासूर बन गया और विश्‍व के देशों के पीछे उनके सिरपर हाथ रखने की खुल्लम-खुल्ला धमकी दे रहा है समय को इंतजार है। विष्णु के मोहिनी रूप का ताकि भस्मासूर को उसी के सीरपर हाथ रखने की स्थितियाँ पैदा हो जाय। विश्‍व जनमत धीरे-धीरे मोहिनी रूप धारण करता जा रहा है। हमें इंतजार है उस पल का जब अपनी ही नासमझी से भसमासूर अपने सिरपर हाथ रखता है।

कल तक ताज और आज ?

ताज सिर पर तभी बना रह सकता है जब तक वह जन कल्याण की राह चलता है। उसकी चाल खराब होने लगे तों यह स्थित बहुत दिन नहीं चलपाती और पैर का जूता पैर से निकल पड़ने को बेचैन हो जाता है और साथ ही वह हाथ को भी पटा लेता है उसे उठा लेने के लिए और चल पड़ता है हाथ ताज को सबक सिखाने। ताज मनमानी करने वाले सिर पर नहीं रहना चाहता उसे वहॉ रहने भी नहीं दिया जाता। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण जार्ज बुश का ताज है से एक साधारण से आदमी के साधारण से जूते के जरिए उसकी औकत दिखा दी गई।

टेस्ट टयूब बेबी

क्ल टी. व्ही. पर एक टेस्टटयूब बेबी का जिक्र देखने को मिला जिसने इस बात को उजागर किया कि लकीर को फकीरी व्यस्था के चलते उससे बच्चे के दाखिले के वक्त पिता का नाम बताने को कहा और असे दाखिले की आवष्यक शर्त कहकर लौटा दिया टेस्ट टयूब गेगी की माँ बच्चे के पिता का नाम क्या बतांए? जब वह खुद नहीं जानती इस पर उस पर चरित्रहीन होने का आरोप लगाया गया। कानून जब बना था तब टेस्टटयूब बेबी नहीं हुआ करते थे पर अब तो होते हैं ऐसे केस बहुत कम हैं इसलिए इनके लिए कानून बनेगा ऐसी उम्मीद बेकार है। भ्रष्ट न्यायालो में सीधे इस केस की फेसला कठिन है फिर इस लीक से हटे केस का क्या होगा। कहा नहीं जा सकता। जन्म सार्टि फिकर न होने से आगे नौकरियाँ, विदेश जाने के लिए पासपोर्ट वीजा कैसे मिल सकते हैं। जायदाद में हिस्सा भी टेस्ट टयूब बेबी को मिलना एक समस्या है। हमारे सामने यह समस्याहै और इसका कोई न कोई समाधान सोचना ही होगा।

Thursday, January 1, 2009

New Year Greetings

“New Year may bring you shower of flower
And Saved Songs from mango bowers.”


Wish you a Happy New Year

Asha Shrivastava
R.D.A. Colony, Plot No. 45, Tikrapara
Raipur (C.G.)
0771-2273934
094076-24988